Thursday 31 March 2011

जूडा क्या खोल दिया तुमने

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चहका है चिड़ियों का झुण्ड , 
हँसना क्या शुरू किया तुमने
फैली है गुलाब की सुगंध , 
जूडा क्या खोल दिया तुमने 


स्वप्नों के सुन्दर स्वप्न  लोक की,
पहली सुन्दर परी तुम्ही हो
गुलाब पुष्प सी मधुमय दिखती ,
लगता है अभी अभी टहली हो


लगता हूँ मै बिका बिका ,
ऐसा क्या मोल दिया तुमने  
फैली है गुलाब की सुगंध , 
जूडा क्या खोल दिया तुमने 



एक झलक उस मधुमय  की 
करवाती है सम्पूर्ण समर्पण,  
  रति सा दिखता वह मूर्त सौन्दर्य 
जैसे दिवाकर की पहली किरण,  


लगता हूँ मै लुटा लुटा 
ऐसा क्या लूट लिया तुमने 

फैली है गुलाब की सुगंध , 
जूडा क्या खोल दिया तुमने 






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Friday 18 March 2011

होली की हार्दिक शुभकामनायें.............

होली की हार्दिक शुभकामनाए इस आशा के साथ की ये होली सभी के जीवन में ख़ुशियों के ढेर सरे रंग भर दे . ...  होली की हार्दिक शुभकामनायें....................

Friday 4 March 2011

रामदेव देव


कहाँ छिपा है सत्य पुरातन 

कहाँ छिपी है उर्वरता

कहाँ छिपी है कीर्ति सलोनी 
कहाँ छिपी है समरसता 

किसकी  त्वरित आकांक्षाओं में 
सत्य राम सा गूंजा था 

आह्यालाद की चिंगारी बन  
सर्वस अर्पण करता था

मानवता की आहों को सुनकर 
मन नहि किसका बहका था 

धू धू  कर जलते स्वनो को देख 
धन धान्य किसे है फलता था 

रोता चिल्लाता देश मेरा
अभागों को, नही सुनाई पड़ता  है  

जिसने देखा सपना उज्जवल नव भारत का 

 भारत सपूत वह रामदेव , नेताओं को क्यों दुश्मन सा  दिखाई पड़ता है  .
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