tag:blogger.com,1999:blog-7257049561091964557.post7470150936429037464..comments2023-02-28T05:23:37.304-08:00Comments on अहसास: जूडा क्या खोल दिया तुमनेअरविन्द शुक्लhttp://www.blogger.com/profile/12168893689031402386noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7257049561091964557.post-53099575100888911552011-04-04T14:02:53.891-07:002011-04-04T14:02:53.891-07:00लगता हूँ मै बिका बिका ,
ऐसा क्या मोल दिया तुमने
...लगता हूँ मै बिका बिका ,<br />ऐसा क्या मोल दिया तुमने <br />फैली है गुलाब की सुगंध , <br />जूडा क्या खोल दिया तुमने <br /><br />अरविन्द शुक्ल जी वाह क्या बात कही है जूड़ा क्या खोल दिया तुमने ,छोटी बड़ी रचनाएँ आप की प्यार मनहर हैं बहुत सुन्दर शुरुआत है लिखते रहिये हम भी आप सब के साथ हिंदी के बढ़ावा के लिए भ्रमर का दर्द और दर्पण ले बढ़ चले हैं आइये कृपया अपना समथन व् मार्गदर्शन दें<br /><br />सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7257049561091964557.post-9691373157119783832011-04-02T04:50:11.955-07:002011-04-02T04:50:11.955-07:00स्वप्नों के सुन्दर स्वप्न लोक की,
पहली सुन्दर परी...स्वप्नों के सुन्दर स्वप्न लोक की,<br />पहली सुन्दर परी तुम्ही हो<br />गुलाब पुष्प सी मधुमय दिखाती ,<br />लगता है अभी अभी टहली हो <br /><br />सुन्दरता को बहुत गहराई से अभिव्यक्त किया है आपने ...आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com