कहाँ छिपा है सत्य पुरातन
कहाँ छिपी है उर्वरता
कहाँ छिपी है कीर्ति सलोनी
कहाँ छिपी है समरसता
किसकी त्वरित आकांक्षाओं में
सत्य राम सा गूंजा था
आह्यालाद की चिंगारी बन
सर्वस अर्पण करता था
मानवता की आहों को सुनकर
मन नहि किसका बहका था
धू धू कर जलते स्वनो को देख
धन धान्य किसे है फलता था
रोता चिल्लाता देश मेरा
अभागों को, नही सुनाई पड़ता है
जिसने देखा सपना उज्जवल नव भारत का
भारत सपूत वह रामदेव , नेताओं को क्यों दुश्मन सा दिखाई पड़ता है .
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सत्य वचन अरविन्द जी
ReplyDeleteसुशील बाकलीवाल जी आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया.आपका सुझाव अच्छा है,आनन्द पाण्डेय जी संस्कृत के
ReplyDeleteप्रसार में आपका संभव सहयोग होगा , सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी, ब्लॉग का अनुसरण करने,आप सभी को ब्लॉग में आने के लिए हार्दिक धन्यवाद!,
अच्छी प्रस्तुति, ब्लॉग लेखन में आपका स्वागत, हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए तथा पत्येक भारतीय लेखको को एक मंच पर लाने के लिए " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" का गठन किया गया है. आपसे अनुरोध है कि इस मंच का followers बन हमारा उत्साहवर्धन करें , साथ ही इस मंच के लेखक बन कर हिंदी लेखन को नई दिशा दे. हम आपका इंतजार करेंगे.
ReplyDeleteहरीश सिंह.... संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"
हमारा लिंक----- www.upkhabar.in/
स्वामी जी राष्ट्र नायक कि भूमिका निभा रहे है |..........
ReplyDeleteस्वाभिमान जगा भारत का नव युग कि तयारी है ........
स्वामी जैसा अवतारी पुरुष भारत कि धरा पर परिवर्तन के लिय ही पैदा हुआ हैं ..............आपने बहुत ही सार्थक पोस्ट लिखी है