Wednesday 27 October 2010

कभी कभी












कभी कभी
ऐसा भी होता है
हम आते हैं
जिन्दगी की नुमाइशों  को 
साझा करने
जिन्दगी की
हैरानियों के साथ
हम बढ़ते जाते हैं
आगे
आगे
जिन्दगी भी चल रही है
कदम से  कदम मिलाते
कभी अँधेरे आगे हैं
कभी उजाले आगे हैं
कभी अँधेरे पीछे  हैं
कभी उजाले पीछे  हैं
जिन्दगी की
हैरानियों के साथ
हम बढ़ते जाते हैं
आगे
आगे
जिन्दगी की नुमाइशों  को 
साझा करने कभी कभी
ऐसा भी होता है ...

1 comment:

  1. कविता अच्छी है।...यदि यह आपकी मौलिक कविता है तो About Me में लिखी टीप हटा दें। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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